लेखक:
इंद्रेश कुमार
एक प्रखर वक्ता और ओजस्वी संगठक के रूप में विख्यात श्री इंद्रेश कुमार बाल्यकाल से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े हैं। कैथल (हरियाणा) में जनमे इंद्रेशजी ने इंजीनियरिंग स्नातक की उपाधि गोल्ड मेडल के साथ अर्जित की। पढ़ाई पूरी होने के पश्चात् आजन्म देशसेवा का व्रत लिया। दिल्ली में वे नगर प्रचारक, जिला प्रचारक, विभाग प्रचारक और फिर प्रांत प्रचारक बने। उन्हें हिमाचल प्रदेश और जम्मू एवं कश्मीर प्रांतों (तत्कालीन हिमगिरि प्रांत) में प्रांत प्रचारक के रूप में कार्य करने का सुअवसर मिला। बाद में संपूर्ण उत्तर भारत के प्रचार/संपर्क प्रमुख, फिर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय सह-संपर्क प्रमुख रहे।
कश्मीर घाटी में आतंक को रोकने के लिए विभिन्न धर्मयात्राओं को प्रारंभ करने के उनके अभियान को भारी जनसहयोग मिला और कालांतर में ये धर्मयात्राएँ एक विराट् जनांदोलन के रूप में उभरकर सामने आईं। दिल्ली के प्रसिद्ध झंडेवाला देवी मंदिर की जमीन का आंदोलन हो, जम्मू-कश्मीर में ग्राम समितियों का गठन हो, भारत जोड़ो अभियान हो, अंदमान की स्वराज यात्रा हो अथवा तिब्बत मुक्ति आंदोलन—इंद्रेशजी के मार्गदर्शन में अनेकानेक कार्यक्रमों ने सहज ही विराट् जनांदोलन का रूप ले लिया। इनके असाधारण मार्गदर्शन और संयोजन ने अनेक सामाजिक और राष्ट्रीय विचारधारा से ओत-प्रोत संगठनों को नवजीवन दिया है। ऐसे ही कुछ प्रसिद्ध संगठन हैं—मुसलिम राष्ट्रीय मंच, राष्ट्रीय सुरक्षा जागरण मंच, हिमालय परिवार और भारत तिब्बत सहयोग मंच। संप्रति राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य। |
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जम्मू कश्मीर से साक्षात्कारइंद्रेश कुमार
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यक्ष प्रश्नों के उत्तरइंद्रेश कुमार
मूल्य: $ 16.95 पिछली सहस्राब्दी से भारतीय इतिहास और संस्कृति के समक्ष खड़े प्रश्नो के उत्तर आगे... |
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